प्रस्तुत है डॉ शौर्य मलिक जी के हाइकुओं पर आधारित हाइगा
परिचय
हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
12 comments:
बहुत आभार ऋता जी , बहुत ही सुंदर चित्रों का प्रयोग किया है, बहुत ही सुंदर प्रस्तुतीकरण किया है हाईगु का, एक बार फिर से बहुत बहुत आभार
बहुत उम्दा कमाल के हईगा,,,बधाई
बहुत बहुत आभार, धीरेन्द्र सिंह भदौरिया जी
कमाल का आर्ट है हाइगा ..हाईकू पहले भी पढ़े थे आज हाइगा देखा बहुत अच्छा लगा आप दोनों ही बधाई के पात्र है मेरी बधाई स्वीकारे .....
कमाल का आर्ट है हाइगा ..हाईकू पहले भी पढ़े थे आज हाइगा देखा बहुत अच्छा लगा आप दोनों ही बधाई के पात्र है मेरी बधाई स्वीकारे .....
बेहद मार्मिक और सच्चाई पर आधारित हाईकू
पधारिये और बताईये निशब्द
तबाही के इस मंज़र को हूबहू उतार दिया ...
बहुत ही सुंदर और बेहद मार्मिक प्रस्तुति..
ओह्ह :( :(
मार्मिक....
~सादर!!!
सुंदर और बेहद मार्मिक
Bhut Ache... ekdam Mast.. :)
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