हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
Wednesday 30 November 2011
Thursday 24 November 2011
Friday 18 November 2011
Friday 11 November 2011
‘‘ऑरिजिनल हाइगा’’
आज मै स्वनिर्मित कृतियों पर हाइगा प्रस्तुत कर रही हूँ|
1.यह वुड का बना टेलीफोन स्टैंड है| इसके बैक पर पेंटिंग के जरिए राजस्थानी बाला एवं वहाँ की पृष्ठभूमि को उतारा है| इसके बेस पर उसी पृष्ठभूमि का प्रतिबिंब अंकित करने की कोशिश की है|
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2.यह मिट्टी का पॉट है| इसपर एम.सील से मोर की आकृति उभारी है और उसपर पेन्ट किया है|
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3.यह ड्राइ फ़्रूट्स का डलिया है, जिसके पीछे में दो मछलियाँ बनाई
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4.यह निडल वर्क है| मैटी क्लॉथ पर माँ सरस्वती की तस्वीर बनाई है|
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5.गत्ते से फ़ोटो फ़्रेम बनाकर सजाया है|
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Tuesday 8 November 2011
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