1125 HAIGAS PUBLISHED TILL TODAY(04.09.15)......आज तक(04.09.15) 1125 हाइगा प्रकाशित Myspace Scrolling Text Creator

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रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर मधु

Friday, 11 November 2011

‘‘ऑरिजिनल हाइगा’’

आज मै स्वनिर्मित कृतियों पर हाइगा प्रस्तुत कर रही हूँ|
1.यह वुड का बना टेलीफोन स्टैंड है| इसके बैक पर पेंटिंग के जरिए राजस्थानी बाला एवं वहाँ की पृष्ठभूमि को उतारा है| इसके बेस पर उसी पृष्ठभूमि का प्रतिबिंब अंकित करने की कोशिश की है|
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 2.यह मिट्टी का पॉट है| इसपर एम.सील से मोर की आकृति उभारी है और उसपर पेन्ट किया है|
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3.यह ड्राइ फ़्रूट्स का डलिया है, जिसके पीछे में दो मछलियाँ बनाई
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4.यह निडल वर्क है| मैटी क्लॉथ पर माँ सरस्वती की तस्वीर बनाई है|
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 5.गत्ते से फ़ोटो फ़्रेम बनाकर सजाया है|
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13 comments:

Urmi said...

बहुत ख़ूबसूरत चित्र और साथ में आपने इतनी सुन्दरता से हर एक शब्द लिखा है जो प्रशंग्सनीय है! ख़ास कर पहला चित्र अद्भुत सुन्दर लगा! सभी हाइगा एक से बढ़कर एक है और चित्रों के साथ मनमोहक प्रस्तुती!

Human said...

वाह! बहुत अच्छे हाइ-गा,

टिप्पणी लिखने में हमे समय नहीं लगता परन्तु निश्चित तौर पर इसकी रचना में वक़्त लगा होगा ये अवलोकन दर्शाता है |
बहुत अच्छी प्रस्तुति !

Ravi Ranjan said...

इस ब्लॉग के हेडर पर निम्नलिखित पंक्तियाँ लिखी हैं|
हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था |

२१वीं शताब्दी में आपने इसे ब्लॉग पर साकार कर दिया|अद्‌भुत!

प्रियंका गुप्ता said...

वाह ऋता जी ! आप तो छुपी रुस्तम निकली...। इतनी सुन्दर कलाकृतियाँ...! मेरी बधाई...।
प्रियंका

सहज साहित्य said...

बहुत अच्छा ! बधाई !

अनुपमा पाठक said...

सुन्दर कलाकृतियाँ और उतने ही सुन्दर काव्य मोती!

Dr.Bhawna Kunwar said...

Bahut khub!

Santosh Kumar said...

अद्भुत संयोजन साहित्य और सुन्दर कलाकृतियों का.. आपने नयी मिशाल पेश कि है!! बधाईयां

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

अद्वतीय चित्र एवं शब्द संयोजन ...
लाजबाब पोस्ट ,
मेरे पोस्ट में स्वागत है ,...

abhi said...

अद्दुत...कमाल कला फ्यूजन है...
आपकी सभी कलाकृति अनमोल है, और यह पोस्ट भी..
:):)

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
चर्चा मंच-701:चर्चाकार-दिलबाग विर्क

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

वाह सुन्दर हईगा... सुन्दर प्रयोग...
सादर बधाई

Madan Mohan Saxena said...

वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति
कभी यहाँ भी पधारें