हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
11 comments:
सुन्दर हायगा, हायकू भी दमदार बधाई
लाज़वाब!
nice and new :)
मिश्री की डली ज़िंदगी हो चली
वाह ..
बेहद खूबसूरत रचनाएँ..
और लाजवाब प्रस्तुतीकरण..
अभी तक आपने बहुत अच्छा लिखा है , परन्तु आपके ये हाइकु उत्कृष्ट हाइकु का नमूना हैं। तहे -दिल से बधाई !
हायकू तो बहुत अच्छा लगा ....सुन्दर प्रस्तुति
बहुत बढ़िया!
pictures say much more than words can..lovely!
नयनों के पलकों की सुंदर गाथा ....
शुभकामनाएँ!
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है ...
और ऐसी आँखों को आपने हैगा में उतार दिया ... वाह लाजवाब ...
मुझे तो बड़े रोमांटिक से लगे सभी हाईकू
ये वाला प्यारा लगा -
पलक झुकी
झुक गया फ़लक
तुम्हारे लिए
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