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रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर मधु

Tuesday, 10 July 2012

गूँज उठी झंकार - हाइगा में

सुर जो सजे
गूँज उठा सृष्टि में
प्यार ही प्यार |






सारे चित्र गूगल से साभार

14 comments:

ANULATA RAJ NAIR said...

वाह,,,,
मधुर,गुनगुनाते हाइगा.....
सस्नेह

अनु

मेरा मन पंछी सा said...

सुन्दर हाइगा:-)

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी पोस्ट कल 12/7/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें

चर्चा - 938 :चर्चाकार-दिलबाग विर्क

ऋता शेखर 'मधु' said...

आभार दिलबाग विर्क जी !!

Anupama Tripathi said...

वाह ...मन झूम उठा ...
शुभकामनायें...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत सुंदर

ऋता शेखर 'मधु' said...

इस पोस्ट के लिए चर्चामंच-938 पर दी गई टिप्पणी-

सुशील – (July 12, 2012 9:14 AM)
(5)
हिंदी हाइगा
गूंजी है झंकार हाइगा में
ऋता शेखर ने पेश किये हैं
बहुत सुंदर हाईगा जैसे हों फूल
बना के गुल्दस्ता !

आभार सुशील जी !!

abhi said...

waah...itne sundar tasveeren aur utna hi sundar hai ye haiiga :) :)

रेखा श्रीवास्तव said...

प्रस्तुति बहुत ही सुंदर ढंग से की गयी है.
मन भावन
हाइगा सारे सारे
हैं भी प्यारे.

दिगम्बर नासवा said...

वाह ... एक बार फिर से मस्त हाइगा हिंदी के ..

Asha Lata Saxena said...

बहुत सुन्दर और भावपूर्ण |
आशा

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर।
चपला चमके व्योम में, बादल करते शोर।
रिमझिम पानी बरसता, मन में उठे हिलोर।।

Ravi Ranjan said...

आपने तो ब्लाग को संगीतमय कर दिया|
मधुर हाईगा

सुर जो सजे
तबले की थाप पे
समाँ गूंज उठे|

माफ कीजिएगा तबले की कमी खटक रही थी|

प्रवीण कुमार श्रीवास्तव said...

वाह...बहुत सुन्दर हाइगा!