हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
14 comments:
वाह,,,,
मधुर,गुनगुनाते हाइगा.....
सस्नेह
अनु
सुन्दर हाइगा:-)
आपकी पोस्ट कल 12/7/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
चर्चा - 938 :चर्चाकार-दिलबाग विर्क
आभार दिलबाग विर्क जी !!
वाह ...मन झूम उठा ...
शुभकामनायें...
बहुत सुंदर
इस पोस्ट के लिए चर्चामंच-938 पर दी गई टिप्पणी-
सुशील – (July 12, 2012 9:14 AM)
(5)
हिंदी हाइगा
गूंजी है झंकार हाइगा में
ऋता शेखर ने पेश किये हैं
बहुत सुंदर हाईगा जैसे हों फूल
बना के गुल्दस्ता !
आभार सुशील जी !!
waah...itne sundar tasveeren aur utna hi sundar hai ye haiiga :) :)
प्रस्तुति बहुत ही सुंदर ढंग से की गयी है.
मन भावन
हाइगा सारे सारे
हैं भी प्यारे.
वाह ... एक बार फिर से मस्त हाइगा हिंदी के ..
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण |
आशा
बहुत सुन्दर।
चपला चमके व्योम में, बादल करते शोर।
रिमझिम पानी बरसता, मन में उठे हिलोर।।
आपने तो ब्लाग को संगीतमय कर दिया|
मधुर हाईगा
सुर जो सजे
तबले की थाप पे
समाँ गूंज उठे|
माफ कीजिएगा तबले की कमी खटक रही थी|
वाह...बहुत सुन्दर हाइगा!
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