हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
12 comments:
बहुत सुन्दर ऋता जी...
सच्ची श्रद्धांजलि....
हमारे भी श्रद्धा सुमन.
सस्नेह
अनु
मैं शायर बदनाम मैं चला मैं चला ....
विनम्र श्रद्धांजलि ...
सुंदर हाईगा में
श्रद्धांजलि !
याद सभी करते तुम्हें, ओ बाबू मोशाय।
छोड़ दिया इस लोक को, स्वर्ग लिया है पाय।।
वाह ...बहुत सुंदर ... बाबू मोशय को विनम्र श्रद्धांजलि
बहुत सुन्दर सार्थक हाइगा बहुत पसंद आये
"आनन्द" मरा नही करते
अनन्त "सफ़र" पर चल देते हैं
फिर चाहे "दाग " लगाये कोई
"अमर प्रेम" किया करते हैं
"आराधना " का दीया बन
"रोटी " की ललक मे
"अवतार " लिया करते हैं
एक बेजोड शख्सियत
जो आँख मे आँसू ले आये
वो ही तो अदाकारी का परचम लहराये ……नमन !
राजेश खन्ना जी को श्रद्धांजलि.
बहुत सुन्दर श्रद्धांजलि...
सार्थक व सुंदर हाईगा ...
विनम्र श्रद्धांजलि 'काका' को !!
bahut sunder rachna..
निराली श्रधांजलि ... एक महानायक को ... सुपर स्टार को ... बहुत खूब ...
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