1125 HAIGAS PUBLISHED TILL TODAY(04.09.15)......आज तक(04.09.15) 1125 हाइगा प्रकाशित Myspace Scrolling Text Creator

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रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर मधु

Sunday 9 September 2012

भोथरा लोकतंत्र - हाइगा में

डॉ शैलेश गुप्त 'वीर' जी के हाइकुओं पर आधारित हाइगा
परिचय-

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डॉ. शैलेश गुप्त ‘वीर’
      जन्म : 18.01.1981 (ग्राम-जमेनी, फतेहपुर)    
      शिक्षा : परास्नातक (प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विज्ञान), बी.एड.,
            पी-एच.डी. (पुरातत्व विज्ञान), एम.जे.एम.सी.(पत्रकारिता एवं जनसंचार),         
            डिप्लोमा इन रसियन लैंग्वेज़, डिप्लोमा इन उर्दू लैंग्वेज़,
            ओरियन्टेशन कोर्स इन म्यूजियोलॉजी एण्ड कन्ज़र्वेशन।
      सन्दर्भ : उपसंपादक- गुफ़्तगू (त्रैमासिक), इलाहाबाद।
              कार्यकारी संपादक- तख़्तोताज (मासिक), इलाहाबाद।
              सहसंपादक- महोदधि (मासिक), कानपुर।
              अतिथि संपादक- पुरवार्इ (वार्षिक), बलिया।
              संरक्षक- रोशनी ब्यूज (त्रैमासिक), फतेहपुर।
      विधा : गीत, ग़ज़ल, कविता, क्षणिका, हाइकू, दोहे, लघुकथा, आलेख, आलोचना तथा
            शोधपत्र आदि।
      संपादन : ‘उन पलों में’ (रागात्मक कविता संकलन)
              ‘आर-पार’ (नयी कविता का संकलन)
              ‘कई फूल, कई रंग’(देष भर के पैंसठ रचनाकारों का संकलन)
               अन्वेषी-2007,अन्वेषी-2008, अन्वेषी-2009-10, अन्वेषी-2011-12
                  (संस्था ‘अन्वेषी’ के वार्षिकांक)
      प्रकाशन : हिन्दी और उर्दू के विविध पत्र-पत्रिकाओं, संकलनों तथा “ाोध संकलनों में।
      भाषा ज्ञान : हिन्दी, अग्रेंज़ी, संस्कृत, रूसी, गुजराती, उर्दू तथा भोजपुरी।
      सम्प्रति : अध्यक्ष-’अन्वेषी’, साहित्य एवं संस्कृति की प्रगतिशील संस्था, फतेहपुर।
      सम्पर्क : 24/18, राधा नगर, फतेहपुर (उ.प्र.)-212601
      वार्तासूत्र : 9839942005, 8574006355
      ईमेल :  doctor_shailesh@rediffmail.com






सारे चित्र गूगल से साभार


10 comments:

महेन्‍द्र वर्मा said...

चित्र और कविता का सुंदर संयोजन।
सार्थक हाइगा।

मेरा मन पंछी सा said...

हाइगा पर सटीक बैठते चित्र..
बहुत सुन्दर हाइगा...
:-)

Ramakant Singh said...

चित्र और कविता सहित विचारों का सुन्दर संयोजन

Santosh Kumar said...

आजकल के सामायिक स्थिति पर चोट करती.. सच बयां करती रचनाएँ.

सुन्दर संयोजन.

प्रवीण कुमार श्रीवास्तव said...

बहुत सुन्दर हाइगा...

ऋता शेखर 'मधु' said...

Doctor Shailesh
to me

आदरणीया मधु जी,
सादर अभिवादन,
आपने मेरे हाइकुओं को जीवन्तता प्रदान की। आपने इन्हें हाइगा के रूप में सुन्दरतम स्वरूप में प्रस्तुत किया। बहुत-बहुत आभार!

Satish Chandra Satyarthi said...

वाह... ये ब्लॉग तो गजब क्या है.. क्या ख़ूबसूरत संकलन.... आभार...

दिगम्बर नासवा said...

सभी हाइकू बहुत प्रभावी ... छोत्रों के साथ जान दल जाती है इनमें ...

प्रियंका गुप्ता said...

sundar haiga...badhai...

प्रियंका गुप्ता said...

sundar haiga...badhai...