हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
11 comments:
बहुत सुंदर ॥चित्र बिलकुल मेल खाते हुये
बहुत खूब... वाह!
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (26-05-2013) के चर्चा मंच 1256 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
बहुत बेहतरीन कमाल की प्रस्तुति ,,,बधाई ,,,
RECENT POST : बेटियाँ,
बहुत सुंदर
दिल को छू गई सुप्रभात
निःशब्द करती अभिव्यक्ति
लहक-लहक ,
लाल लाल गुलमोहर
कैसे इतराते !
खुबसूरत चित्र के साथ मेल खाते हाइकू -हईगा
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
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सुन्दर भाव ...बहुत सुन्दर हाईगा ऋता जी ...!!
waah....kya baat hai...gulmohar waise hi itne khubsurat lagte hain aur uspar aapke haiku :)
बहुत बढ़िया..
बहुत बहुत सुन्दर ऋता दी....
खिले खिले हयगा.......
जेन्नी शबनम जी ने भी गुलमोहर पर बहुत प्यारे हायकू लिखे हैं...आपके हयगा के लिए परफेक्ट :-)
सस्नेह
अनु
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