विद्या जी के हाइकुओं पर आधारित हाइगा
परिचय-
http://vidyawritesagain.blogspot.com/सारे चित्र गूगल से साभार
हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
9 comments:
शुक्रिया ऋता जी....
मेरे हायेकु अब बड़े सुन्दर लग रहे हैं..
:-)
आभार.
विद्या जी के श्रगारिक हायकू पर आपकी रंगों भरे चित्रों ने चार चाँद लगा दिए बधाई और अनवरत शुभकामनाये
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
सभी हाइगा बहुत अच्छे हैं।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर उनको शत शत नमन!
सुन्दर प्रस्तुति!
best wishes and well deserved appreciation to vidya ji and all applause for ऋता ji to have framed the words in such a beautiful canvas:)
सुन्दर हायकू और सुन्दर प्रस्तुति ..
ऋता जी आप तो कविता का मेकओवर कर के इतना सुंदर बना देती हैं कि कविता का सौन्दर्य कई गुना बढ़ जाता है और कविता जीवंत हो जाती है. विद्या जी को सुंदर हाइकू रचने के लिये बधाई.
बड़े कोमल और सुन्दर हाईकू हैं,
और चित्र सब भी बड़े प्यारे...
बड़े अच्छे हाईगा बन गए हैं :)
विद्या के सारे हाइकु बहुत मर्मस्पर्शी हैं। इस तरह की हाइकु-रचना इस विधा को गौरव प्रदान करेगी विद्या जी ! बहुत बधाई!
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