हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
4 comments:
थकित चकित माता पड़ी, जर्जर काया ठूठ।
सन्ताने ताने कसें, मोबाइल गा रूठ ।।
दिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक
dineshkidillagi.blogspot.com
गहरे भाव...चंद शब्दों में...
सुन्दर...
बहुत मर्मस्पर्शी प्रस्तुति...
अरे, अंतिम वाली तो गज़ब की है
"माँ ने धरी है
मोबाइल गोद में
बोलेगा लाल"
:)
Post a Comment