हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
9 comments:
बहुत प्यारे हायेकु है ऋता जी...
मन को भा गए....
सस्नेह.
बहुत सुंदर हाइगा....
बहुत ही खूबसूरत
सादर
बढ़िया प्रस्तुति ।
बधाई ।
जय गंगे माँ ।।
हाइगा आगे बढ़के खुद बोलते हैं ,पूरी ज़बान खोलते हैं .बधाई स्वीकार करें .
कृपया यहाँ भी पधारें रक्त तांत्रिक गांधिक आकर्षण है यह ,मामूली नशा नहीं
शुक्रवार, 27 अप्रैल 2012
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/04/blog-post_2612.html
मार -कुटौवल से होती है बच्चों के खानदानी अणुओं में भी टूट फूट
Posted 26th April by veerubhai
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/04/blog-post_27.html
सुंदर हाइगा
जय गंगा मैया की
बहुत सुंदर हाइगा जय गंगे
वाह!!!बहुत खूबसूरत हाईगा! :)
वाह ... गंगा के प्रवाह कों हाइगा में बाँधने का भागीरथ प्रयास ... सफल है आपका प्रयास ...
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