हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
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10 comments:
वाह ऋता जी....
मेहनत से इकठ्ठा किया....फिर साज सज्जा के साथ पेश किया.....
बहुत सुन्दर..
संजय जी और आप दोनों को बधाई...
सस्नेह
अनु
बहुत सार्थक हाइकु और उनकी लाज़वाब हाइगा प्रस्तुति..बधाई...
बहुत सुन्दर हाइगा!
शेअर करने के लिए आभार!
आप भी टिप्पणियों को सहेजती हैं :)
सुन्दर हाईगा!! :)
वाह! ऐसा भी
अद्भुत चित्रांकन
नम्र आभार.
आदरणीया ऋता शेखर जी, आपने इन कमेंट्स को यादगार और संग्रहनीय बना दिया.... आनंद आ गया देख पढ़ कर... व्यस्तता के चलते कुछ ज्यादा ही अनुपस्थिति हो गई है इन दिनों.... इसीलिए आपके इन सुन्दर सृजन को नहीं देख पाया था... और पढ़ते पढ़ते इन कमेंट्स को याद करने कि कोशिश भी करता रहा :)))
सादर बधाईयाँ और आभार स्वीकारें.
वाह! ऐसा भी
अद्भुत चित्रांकन
नम्र आभार.
आदरणीया ऋता शेखर जी, आपने इन कमेंट्स को यादगार और संग्रहनीय बना दिया.... आनंद आ गया देख पढ़ कर... व्यस्तता के चलते कुछ ज्यादा ही अनुपस्थिति हो गई है इन दिनों.... इसीलिए आपके इन सुन्दर सृजन को नहीं देख पाया था... और पढ़ते पढ़ते इन कमेंट्स को याद करने कि कोशिश भी करता रहा :)))
सादर बधाईयाँ और आभार स्वीकारें.
अति सुंदर ……… हबीब भाई लिखते कमाल का है। हम उनके फ़ैन हैं।
thanks sanjay bhai ..aapne link dekar bahut achha kia ..warna hm to blog jagat ka rasta hi bhul gye the.. aapka putri diwas aur prem diwas ka .. bahut hi pasand aaya ..aapke haiku aur rita ji ki sundar saj sajja tarife kabil hai ..aap dono ko badhai
thanks sanjay bhai , aapne link dekar achha kiya , hm to blog jagat ka rasta hi bhul gye hai .. aapki lekhni aur ye putri diwas , ka chitra aur any sabhi .......kamal ke hai .. aapko aur rita shekhar ji ko dher sar badhai ..
अब तो केवल स्मृतियाँ ही शेष हैं।
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ईश्वर उनकी आत्मा को सद्गति और शान्ति दें।
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भावभीनी श्रद्धांजलि स्व.संजय मिश्रा "हबीब" को।
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