1125 HAIGAS PUBLISHED TILL TODAY(04.09.15)......आज तक(04.09.15) 1125 हाइगा प्रकाशित Myspace Scrolling Text Creator

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रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर मधु

Wednesday, 30 November 2011

सब्जियों की बहार- हाइगा में

इस बार हरी-ताज़ा सब्जियों ने घेराव कर दिया और हाइगा में उतरने के लिए मचलने लगीं| लेते हैं सब्जियों का स्वाद विज्ञान के साथ- हाइगा में
१२स्लाइड्स-३४ हाइकु












सारे चित्र गूगल से साभार

16 comments:

प्रियंका गुप्ता said...

बड़े ही रोचक तरीके से सारी सब्जियों के गुण बता दिए आपने हाइगा के माध्यम से...। नया लगा मुझे यह तरीका...बधाई...।

Ravi Ranjan said...

शीत की सब्ज़ी
पौष्टिकता से भरी
खूब दर्शाया|

सब्ज़ी की इच्छा
हाइगा में आपने
खूब उतारा|

सब्ज़ी अनेक
शीत ऋतु में आती
स्वाद बढ़ाती|

हर बार की तरह उत्कृष्ट हाइगा!
सादर

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...

आदरणीया ऋता शेखर 'मधु'जी
सस्नेहाभिवादन !

१२स्लाइड्स-३४ हाइकु की आपकी
हाइगा की यह पोस्ट संग्रहणीय बन गई है … मैंने बुकमार्क करके रखा है इसे … सच !!

आप धीरे-धीरे मेरी हाइकु के प्रति अरुचि-उदासीनता मिटा देंगी शायद :)))

आपकी कई पुरानी पोस्ट्स भी संभाली … सबके लिए हृदय से बधाई !

मंगलकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार

ऋता शेखर 'मधु' said...

आदरणीय प्रियंका जी, रवि जी,

उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार|
आशा है आगे भी आत्मीयता बनाए रखेंगे|

सादर
ऋता शेखर

ऋता शेखर 'मधु' said...

सम्माननीय राजेन्द्र जी,
आप जैसे उत्कृष्ट रचनाकारों के उत्साहवर्धक और
प्रेरणादायक शब्द मेरी लेखनी को ऊर्जा प्रदान करते हैं|
इसके पहले भी मधुर गुंजन और अन्य स्थानों पर प्रकाशित रचनाओं पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रियाएँ प्राप्त हो चुकी हैं|उन सबके लिए हार्दिक आभार एवं धन्यवाद|आशा है आगे भी उत्साह बढ़ाते रहेंगे|
सादर
ऋता शेखर

www.navincchaturvedi.blogspot.com said...

इतनी सारी सब्जियाँ, बहुत मेहनत की है इस बार भी, बहुत बहुत बधाई

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
चर्चा मंच-715:चर्चाकार-दिलबाग विर्क

अनुपमा पाठक said...

सुन्दर प्रस्तुतीकरण!
आपकी मेहनत ने इसे भी आपकी हर पोस्ट की तरह संग्रहणीय बना दिया है!

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

सब्जी बाजार
खुश्बू और महक
बड़े मोहक.

सादर बधाई..

Rakesh Kumar said...

शब्द नही हैं मेरे पास आपकी अनुपम प्रस्तुति पर कुछ कहने के लिए.बस बार बार दिल से निकल रहा है आभार... आभार.....
बहुत बहुत आभार आपका.

मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
हनुमान लीला पर अपने अमूल्य विचार और
अनुभव प्रस्तुत कर अनुग्रहित कीजियेगा जी.

ऋता शेखर 'मधु' said...

आदरणीय नवीन जी,दिलबाग जी,अनुपमा जी,संजय जी,राकेश जी,
आप सब यहाँ पर आए और अपने अमूल्य विचारों से अनुग्रहित कर
उत्साहवर्धन किया, इसके लिए हार्दिक आभार|आशा है आगे भी आपका सहयोग मिलता रहेगा...बहुत-बहुत शुक्रिया|
सादर
ऋता शेखर

Urmi said...

अद्भुत सुन्दर हाइगा लिखा है आपने! खुशबू और महक से भरपूर ताज़ा सब्ज़ी के साथ बेहतरीन प्रस्तुती!
मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com/

डॉ. मोनिका शर्मा said...

एक से बढ़कर एक हाइगा.... जानकारी भी खूब दी है आपने ....

रचना दीक्षित said...

ऋता जी

आपके ये हाइगा तो बच्चों की पुस्तकों में होने चाहिए. बच्चे सचमुच सब्जियों के फैन हो जायेंगे. चित्रों के माध्यम से इतना सुंदर सन्देश सचमुच अद्भुत है. आपके हायगा जल्द ही ३०० से ३००० पर पहुंचे.

शुभकामनायें.

ऋता शेखर 'मधु' said...

आदरणीया बबली जी, मोनिका जी, रचना जी

तहे-दिल से आभारी हूँ आपके उत्साहवर्धक शब्दों के लिए
आप सबकी शुभकामनाएँ मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं|

रचना जी, हाइगा की संख्या बढ़ती जाए-
यह कहकर आपने मुझमें नए उत्साह का संचार कर दिया है|
आप सबको भी मेरी शुभकामनाएँ|

सादर
ऋता शेखर

abhi said...

ये भी कितना अनोखा और सुन्दर हाइगा बन गया है...बहुत ही बढ़िया है ऋता दी!