हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
14 comments:
बहुत ही ग़ज़ब के हाइ - गा,आभार !
कृपया पधारें व अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराएँ !
http://poetry-kavita.blogspot.com/2011/11/blog-post_06.html
प्रियंका गुप्ता और शाम्भवी शील के हाइकु अच्छे हैं और इन पर तैयार किए गए हाइगा भी अच्छे बन गए हैं ।
सुन्दर चित्रों के साथ हाइगा बहुत बढ़िया लगा! लाजवाब प्रस्तुती!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.com/
सुन्दर!
सुन्दर प्रस्तुति
Gyan Darpan
आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
चर्चा मंच-694:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
बहुत सुंदर...
ek se badhkar ek
कमाल के हैं सभी ... लाजवाब प्रस्तुति ...
वाह सुन्दर हाइगा
सादर बधाई...
वाह!बहुत सुन्दर प्रस्तुति|
गजब की प्रस्तुति!
बड़े सुन्दर सुन्दर हाइकू हैं :)
बहुत सुन्दर हाईगा
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