प्रस्तुत है प्रवीण कुमार श्रीवास्तव जी के हाइकुओं पर आधारित हाइगा|
सारे चित्र गूगल से साभार
हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
17 comments:
सुन्दर हायेकु....
ऋता जी के हाथों का जादू तो कमाल है ही....
सस्नेह
अनु
शुक्रिया अनु जी !!
कमाल है ऋता शेखर जी कमाल है
Thanks Ramakant JI !
शुक्रिया शास्त्री सर !!
कमाल.....!!! मेरे हाइकु जैसे जीवित हो उठे हों.बहुत बहुत आभार मधु जी का.
बहुत सुन्दर हाईकु
:-)
बहुत प्यारे हाईकू ! मनमोहक चित्रों ने उन्हें नवीन सार्थकता प्रदान की ! बहुत सुन्दर प्रस्तुति !
आ० साधना जी, ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है...
आपको यहाँ देखकर बहुत खुशी हुई|
सादर
हाइकू रचना देखकर,आता मन में ख्याल
उत्कृष्ट आपकी प्रस्तुति, कर दिया कमाल,,,,,
RECENT POST...: शहीदों की याद में,,
सुंदर हाइगा देखकर, मन में आया ख्याल
बहुत-बहुत शुभकामनाए, कर दिया कमाल,,,,
RECENT POST...: शहीदों की याद में,,
बहुत सुन्दर हाइगा....
बोलते चित्र जीवन रस घोलते चित्र ,बहुत सुन्दर हाइगा हार्दिक बधाई ऋता जी
बहुत सुंदर
अहा...बहुत सुन्दर से लगे सभी :) :)
बहुत देर से पहुंची यहाँ तक, लेकिन चित्र के साथ हाइगा बहुत अच्छे लगे .
Rekha srivastav ji bahut bahut aabhar
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