दौड़ाती रही
आशाओं की कस्तूरी
आशाओं की कस्तूरी
जीवन भर ||
आदरणीय त्रिलोक सिंह ठकुरेला जी के हाइकुओं को देखिए हाइगा के रूप में...हाइकु भेजने के लिए आ०ठकुरेला जी का आभार !!
हाइकु में भाव और सार्थकता का सम्मिश्रण हो तो हाइगा के रूप खिल जाते हैं | सिर्फ कटाक्ष या उपदेश काव्य की दृष्टि से भावपूर्ण नहीं माने जाते |
सारे चित्र गूगल से साभार
5 comments:
बहुत सुन्दर हाइगा .
बहुत सुन्दर हाइगा .
बहुत ही सुन्दर हाइगा....
बसंत पंचमी कि शुभकामनाएँ....
http://mauryareena.blogspot.in/
:-)
अति सुन्दर भाव
बहुत बढ़िया हाइगा !
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सियासत “आप” की !
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