हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
20 comments:
सारे हाइगा अच्छे हैं । बेटी विषय पर डॉ सुधा गुप्ता और हरदीप सन्धु ने अच्छे हाइकु लिखे हैं । आज ही डॉ जेन्नी शबनम के ताँका भी आज देखने को मिले ।
bahut kamal badhai
आपने बहुत सुन्दर हाइकु लिखे हैं, बिल्कुल आज की बेटियों को परिभाषित करते हुए| अब जमाना बदल चुका है|
अच्छे चित्रों के साथ सभी हाइगा सार्थक लग रहे हैं|
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आज आपका दिल धड़क रहा है नई पुरानी हलचल में यकीन नही तो खुद ही देखिये... चर्चा में आज नई पुरानी हलचल
आपको बहुत बहुत बधाई बहुत ही खूबसूरत हायगा पढ़ने और देखने को मिले। सिलसिलेवार एक के बाद एक देखती ही चली गई। पुनश्च बधाई।
बहुत ही बढ़िया।
सादर
सुन्दर भाव और सुन्दर प्रस्तुतिकरण ... बेटियाँ माँ के लिए प्यारी सी धुन होती हैं ..
very nice
क्या खुबसूरत!
बहुत बधाईयाँ
पुत्री दिवस.
सादर...
सुंदर हाइगा
बहुत ही बढ़िया हाइगा ।
सादर !
bahut sundar...badhai...
बहुत ही बढ़िया....बधाईयाँ
इमेल पर अमिता कौंडल जी की टिप्पणी
ॠता जी, बहुत ही सुंदर हईगा हैं बधाई
सादर,
अमिता कौंडल
Dr.Rama Dwivedi
ऋता जी ,
`बिटिया ' के लिए बहुत बहुत ख़ूबसूरत हाइगा लिखे है और सजाए है आपने ..बहुत -बहुत बधाई व शुभकामनाएं
बेटी पर सभी हाईगा बहुत सुन्दर भाव और बहुत मार्मिक है.... बधाई ऋता ..सस्नेह..
बेटी पर लिखे सभी हाइगा बहुत सुंदर ... बधाई
बहुत सुन्दर और मर्मस्पर्शी हाइगा....आभार
बेटी पर हाईगा , सभी हाईगा के बहुत सुन्दर भाव और बहुत मार्मिक है .... !!
बहुत -बहुत बधाई व शुभकामनाएं :))
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