हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
5 comments:
बेशक सुंदर प्रस्तुति.
जन-चेतना के लिए आपके सभी हाइगा सकारात्मक सन्देश दे रहे हैं । चित्रों को जुटाने में आपने खूब मेहनत की है । बधाई !
जब भी आपके पोस्ट पर आया हूँ, हर समय कुछ न कुछ सीखने वाला चीज मिला है। यह पोस्ट अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट "खुशवंत सिंह" पर आपकी प्रतिक्रियायों की आतुरता से प्रतीक्षा रहेगी। धन्यवाद
बेशक सुंदर प्रस्तुति.,सभी चित्र भी प्यारे लगे,बधाई स्वीकारें......
सब कमाल के हाइगा हैं जी.
सुन्दर चित्रों से ऐसा लग रह है जैसे
वन में ही इन सब वन्य प्राणियों के
साथ खड़े हैं.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.
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