1125 HAIGAS PUBLISHED TILL TODAY(04.09.15)......आज तक(04.09.15) 1125 हाइगा प्रकाशित Myspace Scrolling Text Creator

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रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर मधु

Friday 2 March 2012

होली का आगाज़-हाइगा में

नवीन सी.चतुर्वेदी सर के हाइकुओं पर आधारित हाइगा
रंग-बिरंगी
सबको ही हँसाने
आई है होली |




सारे चित्र गूगल से साभार

8 comments:

रविकर said...

गोरी कोरी क्यूँ रहे, होरी का त्यौहार ।

छोरा छोरी दे कसम, ठुकराए इसरार ।

ठुकराए इसरार, छबीले का यह दुखड़ा ।

फिर पाया न पार, रँगा न गोरी मुखड़ा ।

लेकर रंग पलाश, करूँ जो जोर-जोरी ।

डोरी तोड़ तड़ाक, रूठ जाये ना गोरी ।।





दिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक

http://dineshkidillagi.blogspot.in

vidya said...

सुन्दर प्रस्तुति ऋता जी...
आपको और नवीन जी को बधाई.

abhi said...

हर तरह के रंग हैं इस हईगा में!!

रेखा said...

होली के अवसर पर सुन्दर प्रस्तुति ....

लोकेन्द्र सिंह said...

बहुत बढिय़ा...

ANULATA RAJ NAIR said...

वाह!!!
हायेकु इस रूप में और भी अच्छे लग रहे हैं...

ऋता जी बहुत बढ़िया..
बधाई.

कविता रावत said...

होली की बहुत बढ़िया बौछारे ...

Ravi Ranjan said...

"होली का आगाज़ ऐसा है तो परवाज कैसा होगा|
हाइगा में होली ने तो धूम मचाना शुरु
कर दिया है|इस बार की होली तो हाइगा में मस्त रहेगी|
नवीन जी और ऋता जी आपको बधाई...