हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
9 comments:
बढ़िया प्रस्तुति ||
सादर ||
बेहद सुन्दर प्रस्तुति!
आपके इस ब्लॉग पर आकार बहुत अच्छा लगा।
वंदे मातरम का हाइगा स्वरूप मनोहारी है।
सादर
ऋता ! बहुत सुन्दर...तुम्हारी हाइगा से ही प्रेरित हो कर. मैंने भी कुछ प्रयास किया है...
कल 09/04/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
बेहद सुन्दर प्रस्तुति
बहुत सुन्दर!!!:)
वाह..क्या खूब लिखा है आपने...
बहुत सुंदर...
बहुत सुन्दर...
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