हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
12 comments:
सभी हाइगा बहुत सुन्दर हैं।
मेरा तो बड़ा पुराना नाता है रेलगाड़ी से...२००२ से लगातार इससे ही सफर कर रहा हूँ और वो भी लंबी लंबी दूरियों वाला सफर...
बहुत खूबसूरत हाईगा हैं... :) :) :)
बढ़िया प्रस्तुति |
बधाई ||
lovely haikus..
life and train have so much in common... :)
ज़िंदगी की रेल चलती जाती .... सुंदर हाईगा
बहुत सुन्दर...
:-)
बहुत सुन्दर...
:-)
रेल की पांत
सुख के साथ दुख
जीवन यात्रा
सुंदर हाईगा
सादर।
बढ़िया प्रस्तुति |
इस रफ़्तार कों भी पकड़ने की लाजवाब कोशिश है इन हाईगा में ...
लाजवाब प्रस्तुति ....
ज़िंदगी की रेल चलती रहे...बहुत सुन्दर और सार्थक हाइगा....
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