तेरा नाम करेगी रौशन
जग में तेरी राजदुलारी
अँगना में जब ठुमकेगी
मिलेंगी खुशियाँ न्यारी|
सारे चित्र गूगल से साभार
डॉटर्स डे पर २०११ की पोस्ट का लिंक
हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
12 comments:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (23-09-2012) के चर्चा मंच पर भी की गई है!
सूचनार्थ!
आभार शास्त्री सर !!
बहुत खुबसूरत हाइगा बेटियों का मान बढाती
बहुत खूबसूरत रचना .....
बधाई हो !
bahut sundar haiku ...Rita ji ...!!
shubhkamnayen ...!!
बेटिओं को बचाने की मुहीम एक सार्थक प्रयास हायिगा के माध्यम से बहुत सुंदर है.
बहुत ही अच्छी हाईगा !
बहुत खूबसूरत हाईगा !
~तू मेरा मान,
है मेरा अभिमान,
प्यारी बिटिया !~
~सादर !!!
बधाई ,आपको मैं कुछ समय से ब्लॉग से दूर थी पर अब पुनः प्रयास कर रही हूँ | छोटे भाई के निधन के बाद जैसे सब रिक्त हो गया हो | पर अब कुछ संभल पाई हूँ | आपका यह ब्लॉग निसंदेह दिल के करीब है |
बहुत ही शानदार लाजबाब हाइगा बेटी दिवस की शुभकामनाएं
बहुत सुंदर हाइगा ....
बेटी के बिना
सूना सूना सा घर
मन उदास ।
खुले दिल से
क्यों नहीं अपनाते
लोग बेटी को...
सबसे ज्यादा पसंद आया मुझे...
Post a Comment