इंसान तो क्या देवता भी
आँचल में पले तेरे
तू है तो अँधेरे पथ में हमें
सूरज की जरूरत क्या होगी
मदर्स डे स्पेशल
सारे चित्र गूगल से साभार
हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
17 comments:
बहुत बेहतरीन अभिव्यक्ति,सुंदर हईगा प्रस्तुति ,,
RECENT POST: दीदार होता है,
बहुत ही बढ़िया, भावपूर्ण हाइगा ... ऋता जी !
~सादर!!!
बहुत ही बढ़िया, भावपूर्ण हाइगा ... ऋता जी !
~सादर!!!
बहुत प्यारी भावनाएं...और वैसे ही चित्र....
प्यारी प्यारी माँ जो हो :-)
सस्नेह
अनु
बेहतरीन ..
आज की ब्लॉग बुलेटिन ' जन गण मन ' के रचयिता को नमन - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
खूबसूरत
मातृत्व पर बहुत ही शानदार हाइगा
अनमोल हैं सभी हाइगा ...
माँ की भावनाओं से भरे ... निर्मल प्रेम छलकाते ... लाजवाब ...
बहुत सुन्दर हैगा |madar's day पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
आशा
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति. ....
बहुत बढ़िया
बहुत सुंदर भावपूर्ण हईगा.. .ऋता
बेहतरीन हैं सब के सब :) :)
बहुत भावमय हाइगा
बहुत सुन्दर भावपूर्ण हाइगा....
बहुत प्यारे चित्र और पवित्र भावनाएं वात्सल्य की ... अद्भुत
Post a Comment