हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
7 comments:
फुर्सत के कुछ लम्हे--
रविवार चर्चा-मंच पर |
अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुति के साथ,
आइये करिए यह सफ़र ||
चर्चा मंच - 662
http://charchamanch.blogspot.com/
शुक्रिया ऋता जी, मुझे खुद के हाइकु भी आपके गज़ब के चित्र-संयोजन के साथ बहुत अच्छे लगे...। वैसे भी हर रचनाकार को अपनी रचना संतान के समान प्रिय होती है, पर आज आपने इन्हें सुन्दरता प्रदान कर दी...।
नवीन जी के हाइकु भी बहुत अच्छे हैं...मेरी बधाई...।
सदभावी,
प्रियंका
सुंदर हाइकु हाइगा के रूप में और भी सुंदर बन पडे हैं
सुंदर हाइकु हाइगा के रूप में और भी सुंदर बन पडे हैं
दिल चस्प मनभावन कोमल रचनाएं .
Amita Kaundal said...
ऋता जी बहुत सुंदर हईगा हैं. खासकर दोस्ती व् निंदिया वाला हईगा तो मन को छू गया
बधाई
सादर,
अमिता कौंडल
प्रियंका जी एवं नवीन जी के हाइकु और ऋता जी के चित्र मिलकर बहुत सुन्दर बन पड़े हैं ....तीनों को बहुत बधाई ....
डा.रमा द्विवेदी
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