हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
15 comments:
A wonderful tribute!!!
हाइगा के माध्यम से अद्भुत एवं भावपूर्ण श्रद्धांजली|
देव साहब का जाना हमारे व्यतीत एक हिस्से का जाना है .बेहतरीन हाइगा की मार्फ़त श्रृद्धांजलि दी है आपने .यादों के समुन्दर में डुबकी लगवादी आपने .शुक्रिया .
ओह...बेहद खूबसूरत!!
:) :)
आपने बहुत मेहनत की इतनी स्लाइद बनाने में , फिर फिल्मी गानों को हाइकु में पिरोना ! देव साहब को सच्ची श्रद्धांजलि ! बहुत खूब
देव आनन्द एक बहुत ही प्रेरणादायक व्यक्ति थे...सिर्फ़ फ़िल्मी दुनिया के लिए ही नहीं बल्कि हर इंसान के लिए...। असल में ‘रुक जाना नहीं तू कहीं हार के...’ का भाव ही उन्होंने अपने जीवन में अपनाया था और ऐसे लोग बहुत कम होते हैं...। ऐसे शानदार इंसान के लिए यह बहुत उपयुक्त श्रद्धांजलि है...।
देवानंद साहब के जाने का हमें बेहद अफ़सोस है क्यूंकि उनके जैसा इंसान कोई दूजा न होगा! सिर्फ़ महान कलाकार ही नहीं बल्कि एक बहुत ही अच्छे और सच्चे इंसान थे! आपने कड़ी मेहनत करके उनके जाने माने फिल्मों की तस्वीर के साथ बहुत सुन्दरता से हाइगा प्रस्तुत किया है जो प्रशंग्सनीय है! देवानंद साहब को विनम्र श्रद्धांजलि !
वाह ,... निराला अंदाज़ है देव साहब को याद ल्कारने का ... मैंने भी कुछ अलग अंदाज़ में याद किया है उन्हें ..
हाइगा आप की स्पेशलिटी है
बहुत सुंदर प्रस्तुतियाँ
आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
चर्चा मंच-729:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
देवानन्द जैसे सदाबहार अभिनेता का चले जाना भारतीय सिनेमा के लिए एक अपूरणीय क्षति है |अपने बड़ी शिद्दत से देव साहब को याद किया है |इस महान अभिनेता को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि |
बहुत सुंदर ,विन्रम और भावभीनी श्रद्धांजलि!!!!
एक युग का समापन......
kya baat hai anokha andaj vaese aapka andaj bahut hi anokha hai .hamesha se uska hi ye ek aur rup hai
badhai
rachana
bahut badiyaa aur anokhe dhang se aapne devsahab ko shradhanjali di hai.
आपकी पोस्ट आज की ब्लोगर्स मीट वीकली (२२) में शामिल की गई है /कृपया आप वहां आइये .और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /आपका सहयोग हमेशा इसी तरह हमको मिलता रहे यही कामना है /लिंक है
http://hbfint.blogspot.com/2011/12/22-ramayana.html
बहुत सुंदर...भावभीनी श्रद्धांजलि...
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