हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
13 comments:
बहुत सुंदर हाइगा ! शशि जी, ऋता जी... हार्दिक बधाई!
~सादर!!!
नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (21 -07-2013) के चर्चा मंच -1313 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
अति सुंदर।
खुबसूरत भावो से सजे ...हाइगा...
बधाई!
बहुत बढ़िया चित्रगीत!
बेहद सुन्दर मधु जी , बहुत बहुत शुक्रिया .. आपने हाइकु को बेहद सुन्दरता प्रदान कर दी ,आभार
बहुत सुंदर हाइगा ! हार्दिक बधाई!
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शशि पुरवार के हृदयस्पर्शी हाइकु पर ॠता जी ने जो हाइगा बनाए हैं , बहुत प्रभावशाली बन गए हैं । हार्दिक बधाई !
बहुत सुंदर ...
वाह ...बहोत खूब....!!!!!
बेहद सुन्दर मधु जी
शब्दों की मुस्कुराहट पर .... हादसों के शहर में :)
बहुत सुंदर हाइगा हार्दिक बधाई *******
बहुत सुंदर हाइगा ! आप दोनों को हार्दिक बधाई..
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