
हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
Thursday, 27 December 2012
Friday, 21 December 2012
Thursday, 20 December 2012
Saturday, 15 December 2012
संगीता स्वरूप जी के हाइकुओं के साथ मेरी जुगलबंदी - हाइगा में
संगीता स्वरूप(गीत) जी के हाइकु उनके ब्लॉग '' बिखरे मोती'' से उठा लाई हूँ...ब्लॉग जगत में संगीता दी किसी परिचय की मोहताज नहीं... उनके हाइकुओं के साथ जुगलबंदी की कोशिश की है...हाइगा में देखिए !!
सारे चित्र गूगल से साभार
Sunday, 9 December 2012
बनारस की सुबह - हाइगा में
आज देवेन्द्र पाण्डेय जी ने अपने ब्लॉग 'बेचैन आत्मा' पर बनारस के सूर्योदय का मनमोहक चित्र पोस्ट किया था...रविवार की छुट्टी थी तो उसी चित्र पर बन गए हाइगा|
चित्र देवेन्द्र पाण्डेय जी के ब्लॉग से साभार
Sunday, 2 December 2012
छाई उदासी - हाइगा में
' यादों के पाखी ' एक हाइकु संग्रह है जो रामेश्वर काम्बोज हिमांशु जी, डॉ हरदीप सन्धु जी एवं डॉ भावना कुँअर जी के सम्पादन में प्रकाशित हुई है| इसमें कुल ४८ हाइकुकारों की रचनाओं को स्थान दिया गया है जिनमें मैं भी शामिल हूँ| यह पुस्तक मुझे मिली तो इसमें प्रकाशित हाइकुओं पर हाइगा बनाने की इच्छा हुई|
पेश है आ० रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' सर के हाइकुओं पर आधारित हाइगा
सारे चित्र गूगल से साभार
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