एम कुश्वंश सर के हाइकुओं पर आधारित हाइगा
परिचय
सारे चित्र गूगल से साभार
हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
6 comments:
बहुत सुन्दर कुश्वंश जी...
ऋता जी....बहुत बढ़िया...
सम्माननीय ऋता शेखर जी ,आभारी हूँ आपकी अप्रतिम कला का जिसने हाइकू को बृहद कनवास प्रदान किया, आपके सम्पादन का भी शुक्रगुजार हूँ .आपकी इस साहित्य की अद्भुत यात्रा को नए आयाम मिले इन्ही शुभकामनाओ के साथ -कुश्वंश
बहुत ही अच्छा था ..
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
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आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी लगाई है!
सूचनार्थ!
जबरदस्त ... जीवन को हाइगा के आईने में उतार दिया ... दुष्कर कार्य को अंजाम दिया है ...
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