हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
7 comments:
जा मिलती है
सागर में आखिर
खोती खुद को...
नदिया की कहानी..
बहुत सुन्दर!!!
सस्नेह.
आपका हाइगा सच में जीवन को नदी से परिभषित कर रहा है|
उम्दा प्रस्तुति!
विद्या जी
बहुत बहुत आभार
आपने टिप्पणी में जो हाइकु दिया है उसपर हाइगा बना दिया है| लेबल में भी डाल दिया है|
सस्नेह
ऋता
रवि जी
उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार|
सादर
आपके प्रयोग अनूठे हैं. बहुत सुंदर प्रस्तुति.
ऋता जी आपका बहुत आभार..
:-)
सस्नेह.
बेहतरीन ... सभी एक से बढ़ के एक ... हाइगा की जुबानी ... नदिया की कहानी ...
बहुत सुंदर हाइगा ...
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