1125 HAIGAS PUBLISHED TILL TODAY(04.09.15)......आज तक(04.09.15) 1125 हाइगा प्रकाशित Myspace Scrolling Text Creator

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रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर मधु

Wednesday, 29 February 2012

सौ टके की बात-हाइगा में

दिलबाग विर्क सर के हाइकुओं पर आधारित हाइगा






सारे चित्र गूगल से साभार

7 comments:

vidya said...

बेहद सार्थक हायेकु...
सुदर प्रस्तुति...

ऋता जी आपको एवं दिलबाग जी को बधाई...

अशोक सलूजा said...

सच्ची ,सीधी और खरी बात ....
शुभकामनाएँ!

दिगम्बर नासवा said...

एक से बढ़ के एक हैं सभी हाइगा ...
गहरी बात को थोड़े से थोड़े शब्दों में बयान करना .. वाह गज़ब है ...

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

आभार

रविकर said...

शाखा पर उल्लू का कब्ज़ा,
जज्बा उसका देखें घोंचू ।

फूलों संग कांटे क्यूँ होते,
बैठा मैं तो हरपल सोंचू ।

न्याय आज हारा कछुवे से,
समय स्वयं को दोहराता है--

सबको शिक्षा लक्ष्य सजा है,
काले केशों को क्यूँ नोंचू ।

दिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक

http://dineshkidillagi.blogspot.in

मनोज कुमार said...

कमाल है!
बहुत अच्छा लगा यहां आना।

sandeep sharma said...

बहुत ही शानदार पोस्टलिखी है है बाऊजी...