हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
15 comments:
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति
बुधवारीय चर्चा-मंच पर |
charchamanch.blogspot.com
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति
बुधवारीय चर्चा-मंच पर |
charchamanch.blogspot.com
बहुत सुंदर और सात्विक ऋता जी......
आप कोई भी सुअवसर चूकती नहीं हैं......
बहुत बढ़िया...
आभार...
सुंदर, जीवन चक्र के अनुरूप ही क्रमवार प्रस्तुति.
बुद्धम् शरणम् गच्छामि..........
वाह: बहुत सुन्दर प्रस्तुति.... ऋता ! बढ़िया... बढ़िया...
वाह ... आप्न्र तो गौतम बुद्ध के जीवन कों हाइगा में उतार दिया ... बहुत बहुत लाजवाब ...
बहुत सुन्दर और सार्थक हाइगा...लाज़वाब
Hrita di.. aapki ye haiga aur haiku.. shayad sabse shandaar hain...
बहुत सुन्दर- आकर्शक-नयनाभ्रिराम- दुर्लभ- अद्भुत- अनमोल प्रस्तुति. हार्दिक बधाई.
प्यार सहित,
डा. रघुनाथ मिश्र्
बहुत सुन्दर-दुर्लभ-चित्ताकर्शक प्रस्तुति. साधुवाद.
बहुत सुन्दर-दुर्लभ-चित्ताकर्शक प्रस्तुति. साधुवाद.
सुन्दर- अद्भुत- आकर्शक-दुर्लभ प्रस्तुति.
सुन्दर प्रस्तुति.
sundar-chittakarshak prastuti.
आप जैसे ही हिन्दू धर्म को बदनाम कर रहे हैं... आप जैसे लोग ही हिंदू धर्म का मखौल उड़वाते हैं.. दूसरे धर्म के लोग अगर हिन्दू धर्म को गाली देते हैं, भद्दा बोलते हैं तो आपलोगों की वजह से... भगवन के शरीर पर कुछ भी लिखना बंद करो... कभी मुस्लिम धर्म का मखौल उदा कर देखो... मुझे लगता है आप हिन्दू हो ही नहीं...
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