हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
9 comments:
आपने डॉ सुधा गुप्ता जी के हाइगा को और अधिक साकार कर दिया । चित्रों का संयोजन लाजवाब है ॠता जी !कोटिश: बधाई !
डॉ.साहिबा!
आपने बहुत अच्छे हाइगा पेश किए हैं!
बहुत सुन्दर...सुधा जी के साथ-साथ इनके संयोजन के लिए आप भी बधाई की पात्र हैं ऋता जी...।
प्रियंका
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति |
डॉ सुधा गुप्ता जी के बहुत अच्छे हाइगा पेश किए हैं !
बधाई !
sudha ji ki pratyek rachna aesi hoti hai jaese bhavnaon ko shabdon se sajya gaya ho ek dan nai dulhan ki taraha
bahut bahut badhai
saader
rachana
आप सबने यहाँ पर आकर मेरा उत्साह बढ़ाया
इसके लिए हार्दिक आभार|
सादर
ऋता
बहुत सुन्दर हाइगा ...बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ...
bahut sundar haaiga. Sudha ji aur Rita ji ko badhaai.
हिन्दी हाइगा के इमेल पर अमिता कौंडल जी की ये टिप्पणी आई थी जिसे मैं प्रकाशित कर रही हूँ|
ऋता जी, सुधा जी के सुंदर हाइकु को हईगा का रूप दे कर आपने और भी सुंदर बना दिया. मैं हईगा की विधा से अभी ही परिचित हुई हूँ सुधा जी के हाइकु वैसे ही प्रभावशाली होते है और आपने हईगा का रूप देकर उन्हें जीवंत कर दिया. बधाई,
सादर,
अमिता कौंडल
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