दोस्तों, कल 21/09/2017 से शारदीय नवरात्र प्रारम्भ हो रहा है| शक्ति की देवी माँ दुर्गा का आगमन सबके लिए शुभ हो| मैं दुर्गा सप्तशती के तृतीय अध्याय श्लोक तथा हिन्दी अनुवाद के साथ हाजिर हूँ| मैंने इसे पुस्तक से चित्र लेकर सजाया है| यह ख्याल मुझे इसलिए आया कि किसी कारणवश कोई घर से बाहर हों और पूजा अर्चना करने की इच्छा हो तो यह हमारे ब्लॉग पर आसानी से उपलब्ध हो जाए|
तो आदिशक्ति माँ दुर्गे से प्रार्थना करें कि वे समस्त जीवों का कल्याण करें तथा देश को सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दें| मंगलकामनाएँ सभी को __/\__
1)प्रथम अध्याय का लिंक
गीता प्रेस पुस्तक से साभार
2 comments:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (22-09-2017) को "खतरे में आज सारे तटबन्ध हो गये हैं" (चर्चा अंक 2735) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
Ration Card
आपने बहुत अच्छा लेखा लिखा है, जिसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
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