२५ सितम्बर २०१६ को हाइगा की अन्तिम पोस्ट लगाई थी| मैं हाइगा २०११ से ही बना रही हूँ| उस वक्त फोटो पर लिखना आसान नहीं हुआ करता था| न ही फोटो सहज उपलब्ध हुआ करते थे| तब गूगल से फोटो कॉपी करके हाइगा बनाती थी| २०१५ से मोबाइल अच्छी क्वालिटी के आने लगे| धीरे धीरे एनरॉयड फोन से फोटो पर टेक्स्ट लिखना भी आसान होने लगा| पहले स्वयं के साथ साथ ब्लॉगर साथियों द्वारा भेजे गए हाइकु से भी हाइगा बनाती थी| बाद में लगा कि यदि हाइगा के मूल स्वरूप को बरकरार रखना है तो चित्र भी स्वयं ही बनाने होंगे| कभी चित्र बनाकर हाइकु लिखना है, कभी हाइकु के अनुरूप चित्र बनाना है|
अब कोशिश रहेगी कि खुद की बनाई पेंटिंग पर हाइगा बनाऊँ और इस ब्लॉग को पुनः सक्रिय बना सकूँ| इसके लिए पहले की तरह आप सभी का आशीर्वाद और शुभकामनाएँ चाहिए|
11 comments:
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (28-03-2021) को "देख तमाशा होली का" (चर्चा अंक-4019) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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रंगों के महापर्व होली और विश्व रंग मंच दिवस की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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हाइकु महारथी तो कहती ही हूँ, अब सोने पे सुहागा । बहुत बारीक विशेषताएं हैं तुममें
आपकी पेण्टिंग और आओअ द्वारा बनाए गए हाउगा दोनों ही सुन्दर हैं। इस ब्लॉग को फिर से शुरू करने के लिए धन्यवाद
हाइगा ब्लॉग शुरू करने के लिए बधाई आपके सभी चित्र और हाइगा बहुत सुन्दर हैं
सभी हाइगा सुन्दर । आपके चित्र भी सार्थक्। बहुत बधाई!
सभी सृजन बहोत सुन्दर हैं मधुबनी की थोड़ी महक भी है कहीं न कहीं, शुभकामनाओं सह।
बहुत आभार!
दिल से आभार दी 🙏
बहुत आभार !!
हार्दिक आभार !!
सभी सुंदर हाइगा
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