हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
13 comments:
उत्कृष्ट प्रस्तुति |
आभार आपका |
आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल २/१०/१२ मंगलवार को चर्चा मंच पर चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आप का स्वागत है
शुक्रिया राजेश दीः)...आभार!!
उत्कृष्ट प्रस्तुति
बापू को श्रद्धांजली के रूप में बेहतरीन हाइगा,,,
RECECNT POST: हम देख न सके,,,
सुंदर प्रस्तुति !
Doctor Shailesh
to me
आदरणीया मधु जी,
आपने अपने और मेरे हाइकुओं को हाइगा के रूप में प्रस्तुत कर दो अक्टूबर को बापू जयंती और शास्त्री जयंती के अवसर पर इन महान विभूतियों को हिंदी-हाइगा परिवार की ओर से सच्ची श्रद्धांजलि दी है. हिंदी-हाइगा के लिए आपके द्वारा किये जा रहे प्रयास और कार्य अत्यंत सराहनीय और स्तुत्य हैं.
सादर.
डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर'
अरे वाह...यहाँ बापू को लेकर, लाल बहादुर शास्त्री...देश के सन्दर्भ में सारे भाव अनिर्वचनीय
सम्मान सुमन चरणों में
तुम्हारा इंतज़ार
ह्रदय से ...
बहुत सुन्दर...गाँधी जी और शास्त्री जी को नमन..
बापू और शास्त्री जी को हार्दिक श्रद्धांजलि,चित्र एवं हाइकु का सुन्दर संयोजन....बहुत ही सुन्दर हाइगा प्रस्तुति शैलेश वीर जी एवं आपको हार्दिक बधाई!
पूरा एक इतिहास समेटे हैं तमाम हाइकु .यादें ही हैं ,बस उन दिनों की अब ,हाइकु बनकर .
ram ram bhai
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मंगलवार, 2 अक्तूबर 2012
ये लगता है अनासक्त भाव की चाटुकारिता है .
बापू से ज्यादा शास्त्री जी के ऊपर हाईकू देखकर मन प्रसन्न हो गया दीदी....वो मेरे सबसे प्रिय नेता थे...
बापू से जुड़े हाईकू भी बड़े खूबसूरत हैं!!
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