खीवरेन्द्र विर्क(भतीजा) और दिलबाग विर्क सर(चाचा) के हाइकुओं पर आधारित हाइगा
खीवरेन्द्र विर्क जी का परिचय
सारे चित्र गूगल से शाभार
हाइगा’ जापानी पेण्टिंग की एक शैली है,जिसका शाब्दिक अर्थ है-’चित्र-हाइकु’ । हाइगा दो शब्दों के जोड़ से बना है …(‘‘हाइ” = हाइकु + “गा” = रंगचित्र चित्रकला) हाइगा की शुरुआत १७ वीं शताब्दी में जापान में हुई | उस जमाने में हाइगा रंग - ब्रुश से बनाया जाता था | लेकिन आज डिजिटल फोटोग्राफी जैसी आधुनिक विधा से हाइगा लिखा जाता है- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’-डॉ हरदीप कौर सन्धु, हिन्दी हाइकु से साभार
यदि आप अपने हाइकुओं को हाइगा के रूप में देखना चाहते हैं तो हाइकु ससम्मान आमंत्रित हैं|
रचनाएँ hrita.sm@gmail.comपर भेजें - ऋता शेखर ‘मधु’
5 comments:
खूबसूरत हइगा.............
दिलबाग जी ,उनके भतीजे और ऋता जी आपको बधाई...
हाइगा में होली ने तो पिछले पोस्ट से धूम मचाना शुरु
कर दिया है|इस बार की होली तो हाइगा में मस्त रहेगी|
दिलबाग जी ,उनके भतीजे और ऋता जी आपको बधाई...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
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होलिकोत्सव की शुभकामनाएँ!
बहुत बहुत आभार -
शुभकामनायें ||
ये हिन्दी-हईगा ब्लॉग आपका तो होली के रंगों में रंगा हुआ है!! :)
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